यह पुस्तक "मुनि शिक्षा मॉडल" अशोक ठाकुर के 25 वर्षों के अनुभवजन्य कष्ट और 23 वर्षों के सफल अनुभवात्मक अधिगम के बाद लिखी गई है। इस पुस्तक में आपको कैसे तक्षशिला, नालंदा, मगध जैसे विश्वविख्यात विश्वविद्यालयों को चलाने वाली सफल भारतीय सनातन शिक्षण पद्धतियों को समयानुकूल और वर्तमान से प्रासंगिक करके स्कूली शिक्षा में शिक्षार्थी आधारित शिक्षण (यूनेस्को) के माध्यम से किस प्रकार आधुनिक गुरुकुल तैयार किए जा सकते हैं और किस प्रकार एक श्रेष्ठ मानव तैयार कर विश्व को सही राह दिखाई जा सकती है, इस पर प्रकाश डाला गया है।