नई दिल्ली - MCD स्कूलों के बच्चों का अंग्रेजी बोलना, टेबलेट से पढ़ना लोगों के लिए शायद अभी भी एक सपना ही है। लेकिन इस सपने को साकार करने में लगी एकलव्य एजुकेशन सोसायटी ने अब इस धारणा को बदल दिखाया है। संस्था ने SDMC के तीन स्कूल को School Quality Enhancement Program (SQEP) के तहत गोद लिया है।
जिसके बाद इन स्कूल में मुनि इंटरनेशनल स्कूल की शिक्षण-प्रशिक्षण पर आधारित शिक्षा दी जा रही है। उसी का परिणाम है कि आज खरखङ़ी जटमल के निगम स्कूल में पढ़ने वाले छात्र प्राईवेट स्कूलों के बच्चों की भांति अंग्रेजी बोलते हैं, टेबलेट से पढाई करते हैं, विदेशी भाषाएं सीखते हैं ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम हों। स्वच्छता के प्रति जागरूक, सामान्य बीमारियों से बचने के लिए छात्रों को स्कूल में ही एक्यूप्रेसर व घरेलू नुस्खों से इलाज का प्रशिक्षण दिया जाता है।
MCD स्कूलों में यह सब संभव हो पाया है एकलव्य एजुकेशन सोसायटी के सचिव डॉ. अशोक ठाकुर की प्रेरणा से, क्योंकि श्री ठाकुर का मानना है कि हम केवल किताबी ज्ञान देकर देश के युवाओं को श्रेष्ठ इंसान नहीं बना सकते, बल्कि उसको शिक्षा के साथ-साथ हमें देश, सामाज में भागीदारी, पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने और मानवता के लिए भी तैयार करना होगा।
निगम स्कूल में व्यवस्था देख रही एकलव्य सोसायटी की कोर्डिनेर कविता वर्मा ने बताया कि खरखङ़ी जटमल के निगम स्कूल में छात्रों का अंग्रेजी बोलना, टेबलेट से पढ़ना तथा अन्य गतिविधियों में शामिल होना अभिभावकों को रास आने लगा है। यही करण है कि आज इस स्कूल में दाखिला पाने वाले छात्रों की संख्या में बीते वर्षों के मुकाबले कई गुणा वृद्धि हुई है।