मुनि इंटरनेशनल स्कूल की मैथोलॉजी से प्रभावित हुए ज्ञानोत्सव में आए दर्शक
नई दिल्ली - दिल्ली में राजघाट स्थित गांधी दर्शन परिसर में तीन दिवसीय ज्ञानोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। शिक्षा में नवाचार और अभिनव प्रयोगों को समझाने के लिए यहां देश भर के विभिन्न स्कूलों और महाविद्यालयों द्वारा तीन दिनों तक विशेष प्रदर्शनी लगाई गई।
ज्ञानोत्सव का शुभारंभ RSS प्रमुख मोहन राव भागवत द्वारा किया। इस मौके पर उनके साथ मंत्री महेश चन्द्र शर्मा, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के दीनानाथ बत्रा तथा अतुल कोठारी समेत अनेक शिक्षाविद् व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
इस ज्ञानोत्सव प्रदर्शनी का आयोजन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा 6 से 8 अप्रैल तक किया गया। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के स्कूलों द्वारा शिक्षा में किए जा रहे नवाचारों को यहां आए दर्शकों को बखूबी समझाया गया।
इसी कङी में एकलव्य सोसायटी के अंतर्गत संचालित दिल्ली के मुनि इंटरनेशनल स्कूल ने अपनी खास मैथोलॉजी और शिक्षा में किए गए अभिनव प्रयोग व नवाचारों को जनता के बीच पहुंचाने के लिए अपने स्कूल का स्टॉल लगाया।
उद्घाटन सत्र में श्री भागवत ने समारोह के दौरान लगी स्कूलों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस दौरान वो दिल्ली के मुनि इंटरनेशनल स्कूल द्वारा लगाई गई नवाचार प्रदर्शनी को देखने भी पहुंचे जहां स्कूली छात्रों व स्कूल प्रबंधक डॉ. अशोक ठाकुर द्वारा उनका पारपरिक रूप से स्वागत किया गया।
ज्ञानोत्सव के दौरान मुनि स्कूल प्रबंधक डॉ. अशोक ठाकुर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहाकि कि यह प्रदर्शनी शिक्षा क्षेत्र, समाज तथा छात्रों के लिए काफी लाभदायक है। मुनि स्कूल में आरंभ से ही छात्रों को शिक्षा के अलावा नए-नए प्रयोग के लिए प्रेरित करना, छात्रों द्वरा छात्रों को पढ़ाए जाने का अनूठा प्रयोग, पुस्तकों की बजाय टैबलेट से पढ़ाना, 7 भषाएं सिखना, कक्षा बैठने का खास तरीका, समाजिक व नैतिक मूल्यों के महत्व को समझाना, सामान्य बीमारियों से बचने क लिए छात्रों को एक्यूप्रेसर व घरेलू उपचारों के मध्यम से बीमारियों को दूर करने के बारे में सभी छात्रों को दैनिक अभ्यास करवाना तथा सङक दुर्घटनाओं को कम करने के लिए विद्यार्थियों को स्कूल में ही ट्रैफिक नियम सिखाने की परंपरा बनी हुई है। जल संरक्षण के लिए छात्रों द्वारा कार्य किया जाना आदि विभिन्न नवाचार व अभिनव प्रयोगो को स्कूल में किया जाता है।
इन सबके बारे में जनताको बताने के लिए हमने अपना स्टॉल लगाया जहां तीनों दिन विभिन्न स्थानों से आए हजारों लोगों ने स्कूलों की मैथोलॉजी को गंभीरता से समझा और स्कूल द्वारा किए जाने वाले विभिन्न कार्यों की सराहना भी कि गई।