आत्मविश्वास से भरा है मुनि इंटरनेशनल स्कूल का प्रत्येक छात्र : डॉ. कुलदीप सिंह भंडारी
चंढीगढ़ के भाई जैता जी फाउंडेशन के अधिकारियों ने किया मुनि इंटरनेशनल स्कूल का दौरा
नई दिल्ली - चंढीगढ़ में गरीब व जरूरतमंद बच्चों के लिए निःशुल्क मेडीकल व इंजिनियरिंग की कोचिंग तथा आवास की सुविधा देने वाले भाई जैता जी फाउंडेशन के अधिकारियों ने दिल्ली के मुनि इंटरनेशनल स्कूल में सोमवार को विशेष दौरा किया। जिसका मकसद मुनि स्कूल द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को जानना,समझना था, ताकि स्कूल में किए जा रहे अनूठे प्रयोगों का लाभ देश के अन्य युवाओं तक पहुंचाया जा सके।
चंढ़ीगढ़ से दौरे पर आए अतिथियों ने स्कूल संस्थापक डॉ. अशोक कुमार ठाकुर से शिक्षण-प्रशिक्षण पद्दति को समझा। डॉ. अशोक ठाकुर ने बताया कि हमारा लक्ष्य छात्रों को किताबी ज्ञान तक सीमित रखना नहीं, हम इन्हें वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार करते हैं। इसके बाद अतिथियों ने स्कूल की विभिन्न कक्षाओं में जाकर छात्रों व अध्यापकों से भी मिले।
इस मौके पर आई.एम.सी. व एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक विख्यात शिक्षाविद् डॉ. कुलदीप सिंह भंडारी के साथ भाई जैता जी फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी सरदार हरपाल सिंह, जसविंद्र सिंह पसरीचा तथा सेवानिवृत प्रींसिपल परमजीत पसरीचा ने स्कूल की गतिविधियों को जाना और अपनी विभिन्न प्रकार की जिज्ञासाओं को शांत किया।
छात्रों से मिलने के बाद डॉ. कुलदीप सिंह भंडारी ने कहा कि यहां का प्रत्येक छात्र आत्मविश्वास से भरा हुआ, छात्र रटा-मार पढ़ाई से दूर हैं। पूछे गए स्वालों का अपने अंदाज में सटीक जवाब देना, शिक्षा के अलावा समाजिक व मानवता से जुङे मुद्दों पर गंभीर जानकारी रखना दर्शता है कि मुनि इंटरनेशनल स्कूल में कुछ तो खास है।
स्कूल आए भाई जैता जी फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी सरदार हरपाल सिंह, जसविंद्र सिंह पसरीचा तथा सेवानिवृत प्रींसिपल परमजीत पसरीचा ने भी स्कूल की कार्यप्रणाली व शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में अपने विचार रखते हुए कहा कि हमने स्कूल के बारे मे जो सुना था वो कम था, यहां आकर देखने व समझने के बाद बहुत कुछ पता चला, छात्रों द्वारा अंग्रेजी के अलावा जापानी, फ्रैंच जैसे विदेशी भाषाओं को सीखना और सिखाना, पुस्तकों की बजाय टेबलेट से पढ़ना, कक्षा में बैठने का खास तरीका, छात्रों द्वारा जेब्रा-क्रॉसिंग का प्रयोग, पढ़ाई के के साथ-साथ एक्यूप्रेसर पद्ति व घरेलू नुस्खों से स्वास्थ्य ठीक करने के लिए स्कूल में ही छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाना भी यहां के स्कूली सिस्टम को अन्य पारंपरिक स्कूली सिस्टम से अलग करता है। सभी ने माना कि मुनि की शिक्षण पद्ति को आज देश के अन्य स्कूलों में लागू कर दिया जाए तो शिक्षण व्यवस्था में बहुत सुधार होगा और युवाओं में कुछ न कुछ नया करने का जोश जगेगा।
विजिट पर आए अधिकारियों का स्कूल पहुंचने पर मुनि इंटरनेशनल स्कूल संस्थापक डॉ. अशोक कुमार ठाकुर द्वारा पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया, वहीं स्कूली छात्रों द्वारा हिंदी, संस्कृत, जापानी, फ्रैंच आदि भाषाओं में गीतों की शानदार प्रस्तुतियां दी गई।