छात्रों के लिए घर में भी सकारात्मक माहौल बनाने के लिए अभिभावकों से की गई अपील ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी बोलते अंग्रेजी व जापानी भाषा नई दिल्ली - शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों पर बढ़ते मानसिक दबाव को कम करने के उद्देश्य से नजफगढ़ क्षेत्र में खरखङ़ी जटमल के निगम स्कूल ने सकारात्मक पहल करते हुए अभिभावकों की काउंस्लिंग का दौर शुरू किया। इस बारे में निगम स्कूल इंचार्ज नरेश कुमार ने बताया कि हमारे स्कूल को एकलव्य सोसायटी ने पीपीपी मॉडल के तहत गोद लिया है और एकलव्य सोसायटी के प्रयासों से ही अभिभावकों की काउंस्लिंग का यह कार्यक्रम शुरू किया गया। जिसका उद्देश्य छात्रों में बढ़ती नकारात्मक सोच के प्रति अभिभावकों को जागरूक करना था। क्योंकि इन दिनों छोटी उम्र के बच्चे माता-पिता के डांटने पर इतना गुस्सा हो जाते हैं कि वो कई बार घिनौने अपराध को भी अंजाम देने में पीछे नहीं रहते। एकलव्य सोसायटी की इंचार्ज कविता वर्मा ने बताया कि हमारा उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा के साथ सु-संस्कार देना भी है। इसके अलावा अभिभावकों के साथ समय-समय पर छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक बातों पर चर्चा करना है। उन्होंने बताया कि निगम स्कूल में मुनि इंटरनेशनल स्कूल की शिक्षण प्रणाली के तहत छात्रों को शिक्षा दी जाती है। स्कूल प्रबंधक डॉ. अशोक कुमार ठाकुर की प्रेरणा से छात्र हित व समाज कल्याण को ध्यान में रखते हुए बहुत से कार्यक्रम चलाए जाते हैं, ताकि छात्र केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, बल्कि अपनी प्रतिभा को साबित करें और समाज में श्रेष्ठ नागरिक बनकर समाज व देश का विकास करें सकें। इस मौके पर स्कूल आए दर्जनों अभिभावकों ने काउंस्लिंग में अपनी विभिन्न शंकाओं का समाधान किया और छात्रों को घर में सकारात्मक माहौल देने व स्कूल को पूरा सहयोग करने के लिए सहमती दी। अभिभावकों ने माना कि स्कूल पहले से काफी बेहतर कर रहा, जब से एकलव्य सोसायटी ने स्कूल को गोद लिया है तब से छात्रों की शिक्षा और उनके व्यवहार में काफी बेहतर बदलाव आए हैं। जो छात्र पहले ठीक से शुद्ध हिंदी बोलने में घबराते थे वो अब शानदार तरीके से अंग्रेजी के शब्दों को बोलते हैं, यहां सिखाई जाने वाली जापानी भाषा को चाव से बोलते हैं, इसके अलावा जीवन विद्या के सूत्रों पर घरों में जा कर माता-पिता के साथ बाते करते हैं। कुछ छात्रों ने तो अपने माता-पिता को नाम लिखना और अंग्रेजी के शब्द बोलने भी सिखाए हैं। काउंस्लिंग के दौरान शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाली समाजिक कार्यकर्ता वैदिका ने अभिभावकों के बीच एक सर्वे भी किया। जिसमें अभिभावकों ने सभी प्रश्नों के जवाब दिए और स्कूल की शिक्षा व अन्य कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए 10 में से 10 अंक दिए और कुछ ने तो उससे भी अधिक अंक देने की जिज्ञासा दिखाई।