मुनि इंटरनेशनल स्कूल की शिक्षा बनाएगी हर युवाओं को हुनरमंद : पठानिया
नई दिल्ली - शिक्षा में सुधार की बात चलती है तो देश के बङे-बङे शिक्षाविद् सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कैसे हो ? उनके सामने बहुत से प्रशन खङे हो जाते हैं।
लेकिन जब कोई अध्यापक, अभिभावक या समाजिक कार्यकर्ता या शिक्षाविद्, दिल्ली के मुनि इंटरनेशनल स्कूल में पहुंच कर देखता है तो दंग रह जाता है, कि Aiklavya Education & Social Welfare Society द्वारा संचालित एक सामान्य से स्कूल में वैश्विक स्तर की शिक्षा कैसे दी जा रही है।
जिन बातों को लोग केवल सोच कर रह जाते हैं, वो सब मुनि स्कूल में बङी आसानी से होते देखा जा सकता है।
स्कूल की शिक्षण पद्दति को समझने के लिए स्कूल में आए दिन लोगों का विजिट पर आना लगा रहता है। इसी कङी बीते सप्ताह दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि आर.आर.पठानिया व रितु दहिया ने मुनि स्कूल को दौरा किया। जिसका उद्देश्य दिल्ली के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार के लिए मुनि स्कूल की शिक्षण प्रणाली को समझना था।
दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों ने स्कूल संस्थापक प्रबंधक डॉ. अशोक कुमार ठाकुर से स्कूल की शिक्षण प्रणाली को समझा और स्कूली छात्रों के साथ स्कूल की विभिन्न गतिविधियों को जानने के लिए कलास रूम, कंप्यूटर लैब, लाईब्रेरी व किचन गार्डन, को भी देखा।
स्कूल विजिट के बाद अपने विचार प्रकट करते हुए आर.आर. पठानिया व रितु दहिया ने माना कि मुनि स्कूल की शिक्षण प्रणाली काफी सराहनीय है।
यहां के हर छात्र को आत्मविश्वास से लबरेज देखा गया, सामान्य परिवारों के बच्चे अंग्रेजी, जापानी, फ्रैंच, जर्मन व संस्कृत जैसी भाषाएं केवल जान ही नही रहे बल्कि उनको आसानी से अपने व्यवहार में भी उतार रहे हैं। श्री पठानिया का मानना है कि यदि देश के सभी स्कूलों में इस प्रकार की शिक्षण प्रणाली को लागू किया जाए तो देश के हर युवा के पास कोई न कोई हुनर जरूर होगा।