नई दिल्ली - दिल्ली के मुनि इंटरनेशनल स्कूल में देश-विदेश के विजिटर्स का आना कोई बड़ी बात नहीं है, यहां की शिक्षण-प्रशिक्षण प्राणाली इतनी प्रभावशाली है कि शिक्षा जगत के अलावा समाजिक, धार्मिक, राजनीतिक क्षेत्र की विख्यात हस्तियां हों या फिर विद्यार्थी और युवा सभी मुनि स्कूल की पठन-पाठन पद्ति को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं।
आज हम बात करेंगे महाराष्ट्र के लातूर जिले से आए उन वरिष्ठ शिक्षाविदों की जिन्होंने इस सप्ताह मुनि इंटरनेशनल स्कूल की विजिट की और यहां की शिक्षण प्रणाली को समझा।
स्कूल में आए विद्वानों ने स्कूल संस्थापक डॉ.अशोक कुमार ठाकुर से मुलाकात कर शिक्षा क्षेत्र में किए 44 से अधिक नवाचारों को समझा, इसके बाद विभिन्न कक्षाओं में जाकर शिक्षण गतिविधियों को देखा, छात्रों से मिल कर विभिन्न शंकाओं का समाधान किया।
लातूर से आए वरिष्ठ शिक्षाविद एवं अर्थक्रांती प्रतिष्ठान के विजय पा. देशमुख ने माना कि यदि देश के सभी स्कूलों मुनि मेथड के अनुसार शिक्षा दी जाए तो युवाओं के पास शिक्षा के साथ रोजगार व संस्कार भी होगा। भारत विकास संगम के सह-संयोजक अशोक ए. तनकसाले ने कहाकि मुनि मेथड का ही कमाल है कि यहां का प्रत्येक छात्र आत्मविश्वास से भरा है, बिना संकोच अपनी बात रखता है, कई विदेशी भाषाओं की जानकारी है, समाजिक जिम्मेदारियों का अहसास है। ये सब बातें अन्य किसी स्कूल में देखने को नहीं मिलती।
महाराष्ट्र के डाईट संस्थान के प्रोफेसर का कहना था कि आज के समय में किताबी ज्ञान तो किसी भी स्कूल में लिया जा सकता है। लेकिन जो जीवन को सार्थक बनाए वो शिक्षा मुनि स्कूल में देखी गई है। लोकसता समाचर के वरिष्ठ पत्रकार ने भी मुनि स्कूल की शिक्षण पद्दति को अद्भुत बताया।