देश के सभी शिक्षण संस्थानों के लिए अनुकरणीय है मुनि स्कूल का शिक्षा मॉडल
नई दिल्ली – मोहनगार्डन स्थित मुनि इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षा मॉडल को जानने व समझने के लिए विजिट पर आए मुंबई व दिल्ली के शिक्षाविद्। इनमें मुख्य रूप से भारत विकास संगम के राष्ट्रीय संयोजक संजय करसनदास पाटिल, मुंबई विश्वविद्यालय से प्रो. करूणा शंकर उपाध्याय, सज्जन सिंघानिया, शिवाजी कॉलेज दिल्ली से सहायक प्रो. दर्शन पाण्डेय तथा दिल्ली के सुधीर गंडोत्रा के अलावा अन्य लोग भी इस विजिट में शामिल रहे।
विजिट में शामिल सभी लोगों ने स्कूल संस्थापक डॉ. अशोक कुमार ठाकुर से मुनि स्कूल द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए नवाचारों के बारे में जाना और शिक्षा मॉडल को समझा। इसके बाद विभिन्न कक्षाओं में जा कर छात्रों व अध्यापकों से स्कूल में अपनाए जाने वाले पठन-पाठन के तौर- तरीको को जाना।
मुंबई के प्रो. करूणा शंकर उपाध्याय ने विजिट के बाद अपने विचार प्रकट करते हुए कहाकि स्कूल में आकर देखा तो पाया कि यहां आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ भारतीय परंपराओं और नैतिक मूल्यों को बचाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। यहां शिक्षा की अत्यंत व्यवहारिक और प्रयोगिक पद्दति है, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास का उपायुक्त तरीका है। उन्होंने कहाकि मुनि स्कूल का शिक्षा मॉडल देश के सभी शिक्षण संस्थानों के लिए अनुकरणिय है।
वहीं प्रो. दर्शन पाण्डेय ने कहाकि मुनि स्कूल में अभिनव एंव नूतन पद्द्ति द्वारा शिक्षा, स्व-प्रेरणा से सीखने-सिखाने तरीका हैरान कर देने वाला है।
दिल्ली के सुधीर गंडोत्रा ने माना कि मुनि स्कूल में शिक्षा को लेकर हो रहे सभी प्रयोग काफी अनूठे और दूरगामी परिणाम देने वाले हैं। मुनि का विद्यार्थी अपने अंदर बहुत कुछ करने की क्षमता रखता है।