स्कूल नहीं नवाचारों का संस्थान है, मुनि इंटरनेशनल स्कूल : डॉ. सुरीली
नई दिल्ली – दिल्ली का मुनि इंटरनेशनल स्कूल, स्कूल नहीं नवाचार संस्थान है। यहां के छात्र पारंपरिक या रटामार शिक्षा से कोसों दूर, यहां शिक्षा के अलावा समाजिक, अध्यात्मिक व प्रकृति से जुङ कर बहुत कुछ नया सीखा और सिखाया जाता है। स्कूल के सभी छात्रों का आत्मविश्वास देखते ही बनता है। ये विचार मुंबई की डॉ. सुरीली ने मुनि इंटरनेशनल स्कूल में अपनी विजिट के दौरान कहे।
डॉ. सुरीली ने बीते मंगलवार को अपने माता-पिता व भाई के साथ दिल्ली के मोहन गार्डन स्थित मुनि इंटरनेशनल स्कूल की विजिट की।
इन सभी अतिथियों ने यहां स्कूली छात्रों के साथ लगभग पूरा दिन बिताया और स्कूल की गतिविधियों को देखा।
इस दौरान डॉ. सुरीली ने छात्रों को नाद योग, ध्यान प्रक्रिया करवाई और इसके बारे में समझाया। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से छात्रों के शरीर में ताजगी का संचार, आलस्य दूर होता है, वहीं तनाव मुक्ति, मन शांत तथा यादाशत में वृद्धि होती है।
डॉ. सरद गोयल ने माना कि यह समय पारंपरिक शिक्षा का नहीं है, मुनि स्कूल द्वारा छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ अनेक गतिविधियों को करवाया जाना काबिले तारीफ है। यहां के बच्चों पर शिक्षा का दबाव नहीं है, छात्र ही छात्रों को सिखाते हैं। स्कूली स्तर पर विदेशी भाषाएं सीखना एक अनोखा उदहारण है। उन्होंने कहा कि मैं देश के अन्य स्कूलों से भी अपील करूंगा कि वो भी मुनि स्कूल के पैटरन को अपनाएं तो युवाओं को अधिक लाभ मिलेगा।